8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
कभी कुछ माँग लूँ माँ से तो बाहें खोल देती है
लगा छाती मुझे वो प्रेम भी अनमोल देती है
अगर कोई उसे कह दे कि काला है तेरा बेटा
मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
-अजय कुमार ‘विमल’
कभी कुछ माँग लूँ माँ से तो बाहें खोल देती है
लगा छाती मुझे वो प्रेम भी अनमोल देती है
अगर कोई उसे कह दे कि काला है तेरा बेटा
मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
-अजय कुमार ‘विमल’