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18 Mar 2018 · 1 min read

???हनुमत सहाय करो अब मेरी???

हनुमत सहाय करो अब मेरी,
जन्म बीति रह्यो मेरो भगवन कब लो लगाऊँ टेरी,
अँखियाँ बरसे पुनि-पुनि मेरी हरहुँ विपति प्रभु सिगरी,
हाथ पसारूँ अरु का करि डारु परो रहो प्रभु देहरी,
लंकिनी कूँ मुठिका देइ मारी, निरशिया फिरहुँ न रिगरी,
सीताराम जपूँ अन्तः मन में, तबहुँ न करी कदरी,
वेगि हरहुँ प्रभु दुःख ‘अभिषेक’ को, तब बात बनहि तुम्हरी,
ऐसे कब लो जिअऊ में हनुमत,अब कृपा करहुँ सुघरी।।1।।

%%%अभिषेक पाराशर%%%

Language: Hindi
283 Views
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