️मेरा वजूद ️
जाते जाते आप अपने जाने का गम दे गए
सब बहारें ले गए बस,रोने का गम दे गए
अब भी निगाहें ढूंढती हैं ,जैसे आप नही गए
अपने होने का हर पल,मुझे भ्रम दे गए
मेरा वजूद मेरे पापा न जाने क्यों रुठ गए
पल पल आपकी वो सूरत याद आती हैं
आप नही रहे, बस वो समय याद आता हैं
मुझे हर तरफ सन्नाटा सा नजर आता हैं
हर तरफ बस उदासी सी दिखाई देती हैं
मेरा वजूद मेरे पापा न जाने क्यों रूठ गए
बदल गया हैं देखने का अंदाज हर पल
आप क्या गए मातम सा छा गया हर पल
आपकी बदौलत हँसी थी मेरे होंठो पर
मेरे पापा किसी ईश्वर से कभी कम नही थे
मेरा वजूद मेरे पापा न जाने क्यों रूठ गए
बस में तो ये ही जानती हूं हर क्षण
मेरे पापा ही मेरी जिंदगी हुआ करते थे
जान दे सकती थी ये बेटी आपको
आपने ही तो जिंदगी दी थी मंजू को
मेरा वजूद मेरे पापा न जाने क्यों रूठ गए