Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2020 · 1 min read

【【{◆◆रेशमी रुमाल◆◆}】】

जिदर भी नज़र जाए बिखरा पड़ा है,
ये गुजरे वक़्त का कचरा,कतरा कतरा
हुआ पड़ा है.

खुशियों के फूल कभी देखे नही,गम
तन्हाइयों का दर्द,हर तरफ उड़ता रहा है।

बेरुखी बेईमानी की रेत पड़ती रही आँखों
में,बेवफ़ा शहर की गलियों का मकान
अकड़ा खड़ा है।

कुछ ना मिला ये ज़िन्दगी गुजार कर,खुले
पिंजरे में भी कैद रहे,किस्मत का हाल भी
एक कच्चा सा घड़ा है।

बेरहम सा था रिश्तों का सफर,ज़ख्मी दिल में
भी हर अपने ने अपनी अपनी तरफ से नुकीला
कील जड़ा है।

मोहब्बत की हवायें भी भर भर के सावन लायीं,
देकर सहारा हर रेशमी रुमाल ने रुलाया बड़ा है.

Language: Hindi
10 Likes · 10 Comments · 499 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सच और सोच
सच और सोच
Neeraj Agarwal
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
पिताश्री
पिताश्री
Bodhisatva kastooriya
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Paras Nath Jha
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Sakshi Tripathi
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
Satish Srijan
*चलती का नाम गाड़ी* 【 _कुंडलिया_ 】
*चलती का नाम गाड़ी* 【 _कुंडलिया_ 】
Ravi Prakash
चुभे  खार  सोना  गँवारा किया
चुभे खार सोना गँवारा किया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आगे हमेशा बढ़ें हम
आगे हमेशा बढ़ें हम
surenderpal vaidya
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
बढ़े चलो ऐ नौजवान
बढ़े चलो ऐ नौजवान
नेताम आर सी
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम जा चुकी
तुम जा चुकी
Kunal Kanth
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
ओम साईं रक्षक शरणम देवा
ओम साईं रक्षक शरणम देवा
Sidhartha Mishra
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Sukoon
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
अपने आंसुओं से इन रास्ते को सींचा था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सर्वाधिक खुशहाल देश"
Dr. Kishan tandon kranti
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
कवि रमेशराज
"आज मैं काम पे नई आएगी। खाने-पीने का ही नई झाड़ू-पोंछे, बर्तन
*प्रणय प्रभात*
........
........
शेखर सिंह
Radiance
Radiance
Dhriti Mishra
3294.*पूर्णिका*
3294.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*साहित्यिक बाज़ार*
*साहित्यिक बाज़ार*
Lokesh Singh
Loading...