✍️एक सुबह और एक शाम
रोज एक सुबह शाम के
इंतजार में दम तोड़ देती है
रोज एक शाम सुबह के
वादों की कसम तोड़ देती है
…………………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
26/09/2022
रोज एक सुबह शाम के
इंतजार में दम तोड़ देती है
रोज एक शाम सुबह के
वादों की कसम तोड़ देती है
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©✍️’अशांत’ शेखर
26/09/2022