Posts Tag: Ashantlekhani 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read ना आप.. ना मैं... कई अर्से तक अपने आप को टालते रहा.. अपने आप से छुपते रहा मैं... और एक दिन आईने से मुलाक़ात हो गयी मेरी... अब मैं अपने आपको जानने लगा हूँ... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 3 2 403 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read वो इँसा... वो इँसा लहलहाती कड़ी धूप को पीठ पे लादकर नंगे पाँव निकलता है अपने बच्चो के लिए घर में जरासा शाम का उजाला लाने के वास्ते..! वो इँसा सभी मौसम... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 1 404 Share 'अशांत' शेखर 15 May 2023 · 1 min read हमेशा..!! तस्वीरें बोलती तो है जरूर.. मगर वो अपनी कमियां नही बताती.. तस्वीरों में हम सब कभी ना कभी क़ैद हो जाते है... तस्वीरों को गौर से देखने पर कोई किसी... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 393 Share 'अशांत' शेखर 14 May 2023 · 1 min read वो भी तन्हा रहता है मैं एक दरिया सा बहता रहा किसीं असीमित विशाल समुंदर की आस में मगर समुंदर भी तन्हा था रात में बिलकुल अकेला.. कोई नहीं था पास में महान व्यक्तित्व के... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 278 Share 'अशांत' शेखर 6 Feb 2023 · 1 min read ⚪️ रास्तो को जरासा तू सुलझा भीतर है मेरे एक घना अँधेरा कुँवा शायद मेरी ही कमी से वो गहरा हुँवा रोजाना कुछ रोशनी खिंच लाता हूँ चार दिवारी में थोड़ी सी बाँट लेता हूँ कभी... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 332 Share 'अशांत' शेखर 12 Jan 2023 · 1 min read ✍️खाली और भरी जेबे... जिनकी जेबे खाली की खाली रह गयी वो मुझे बुरा कहते है और जिनकी जेबे भर गयी थी वो सिर्फ उनके तसल्ली के लिए मुझे बुरा समझते है हाँ मैं... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 3 524 Share 'अशांत' शेखर 10 Jan 2023 · 1 min read ✍️ इंसान सिखता जरूर है...! असंभव तो वो है जिसकी हमने कभी कल्पना नही की है...! संभव तो वो सभी है जिसकी हमने बगैर पर्वा किये शुरुवात की है...! बाकि अच्छा हो या बुरा अनुभव... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 8 374 Share 'अशांत' शेखर 31 Dec 2022 · 1 min read ✍️ हर बदलते साल की तरह...! तारीखे साल दर साल उम्र के पन्ने पलटते रहती है माह हर माह जीवन के आंकडो की श्रृंखला बदलते रहती है दिन प्रति दिन समय के साँसों की घडी टिक... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 3 334 Share 'अशांत' शेखर 17 Dec 2022 · 1 min read ✍️सियासत का है कारोबार इस कायनात में कई रंग है हजार चंद रंगों के लिए ये कौन है बेज़ार..? धर्म के नाम पर रंगों का ये बाज़ार और जेहन में सियासत का है कारोबार... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 4 323 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम खुद बुलंदी भी उनको छुना पायी वो शख़्स इस सरजमी का था आसमान कमाल का बेमिसाल होगा वो अज़ीम जिनकी कलम से निर्माण हुवा ये संविधान ………………………………………………………………// ©✍️ - 'अशांत'... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 1 335 Share Page 1 Next