आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
टूटते रिश्ते, बनता हुआ लोकतंत्र
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शहर को मेरे अब शर्म सी आने लगी है
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ज़रूर है तैयारी ज़रूरी, मगर हौसले का होना भी ज़रूरी
উত্তর তুমি ভালো জানো আল্লা