■ लघुकथा / #भड़ास
#लघुकथा / #भड़ास
★प्रणय प्रभात★
सोशल मीडिया के मंच पर पिनपिना रहे थे द्वारिकानाथ। बिना नाम लिए कोस रहे थे किसी हडपखोर को। पता चला कि स्टेंडर्ड के चक्कर में जरासंध को दे बैठे उधार। यही रक़म किसी सुदामा को देते। तो हाथ उसके हलक़ तक पहुंचते देर न लगती। मामला उच्च स्तर के दबंग का है। इसलिए हाथ नहीं केवल उंगली चल पा रही है। वो भी केवल मोबाइल की स्क्रीन पर। आखिर कहीं तो निकले भड़ास।