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29 Aug 2023 · 1 min read

पूर्णिमा का चाँद

पूर्णिमा का चाँद चांदनी रात हैं।
तेरी यादों में आज मन में बात है।

तुझे हम पूर्णिमा का चाँद समझते हैं।
जुल्फ़ों की घनी लटें लाजबाव हैं।

आज कल बरसों से चाहत तेरी हैं।
पूर्णिमा का चाँद भी फीका लगता हैं।

तेरी खुबसूरती बेहद बेहिसाब हैं।
घने अंधेरे में तुम पूर्णिमा का चाँद हैं।

जिंदगी में न कमी बस ख्बाव रहता हैं।
मन भावों में चाहत पूर्णिमा का चाँद हैं।

नींद खुल गई हमारी स्वप्न टूट गया हैं।
पूर्णिमा का चाँद भी आज मुस्करा रहा हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
1 Like · 248 Views
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