■ बदलते रिवाज़…..
■ कटु अनुभव-
【प्रणय प्रभात】
पहले
“आमंत्रित” करने का
मतलब होता था,
सम्मान देना
औरों को।
अब होता है,
अपमानित करना
अपने आप को।
■ कटु अनुभव-
【प्रणय प्रभात】
पहले
“आमंत्रित” करने का
मतलब होता था,
सम्मान देना
औरों को।
अब होता है,
अपमानित करना
अपने आप को।