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डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
काली स्याही के अनेक रंग....!!!!!
The only difference between dreams and reality is perfection
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
'क्या कहता है दिल'
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
रोशनी सूरज की कम क्यूँ हो रही है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
बितियाँ मेरी सब बात सुण लेना।
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
कुछ राज, राज रहने दो राज़दार।