■【चाहे हार हो चाहे जीत हो】■
अब हार हो चाहे जीत हो
चाहे युद्ध हो चाहे प्रीत हो
करना है हर दरिया पार अब
चाहे सुख मिले चाहे टीश हो।
चाहे फ्लॉप फ़िल्म सा पिट जाऊँ
या सुपर फ़िल्म सा हिट जाऊँ।
अब नही रुकेंगे मेरे अड़िग इरादे
चाहे अंतिम छोर पे जाके मिट जाऊँ।
प्रोत्साहन मिले या मिले ताने
अब तो चल पड़े कुछ बड़ा पाने।
अब निंदाओं की चिंता नही
चाहे ख़िलाफ़ हो अपने और बेगाने।
हो हसिल अब चाहे कुछ न
चाहे मिले न तिनका भी।
चल पड़ा काफिला अब तो,
न लेंगे चैन अब इक़ दिन का भी।
कवि-वि के विराज़