Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2019 · 1 min read

फ़ितरत

“मुझे नहीं आती हैं, उड़ती पतंगों सी चालाकियां ।।

गले मिलकर गला काटूं, वो मांझा नहीं हूँ मै ..

ख़ता है ये इस दिल की हो सके तो नज़र अंदाज़ करें।।

क्योंकि मैं जो हूँ अच्छा हूँ मुझें औरों जैसा नहीं बनना1हैं….
मुकेश पाटोदिया”सुर”

Language: Hindi
1 Like · 304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फितरत
फितरत
Anujeet Iqbal
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
बाल नृत्य नाटिका : कृष्ण और राधा
Dr.Pratibha Prakash
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सच्ची बकरीद
सच्ची बकरीद
Satish Srijan
माँ की यादें
माँ की यादें
मनोज कर्ण
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
आर.एस. 'प्रीतम'
कभी हुनर नहीं खिलता
कभी हुनर नहीं खिलता
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बेशर्मी के हौसले
बेशर्मी के हौसले
RAMESH SHARMA
महंगाई का दंश
महंगाई का दंश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*वीरस्य भूषणम् *
*वीरस्य भूषणम् *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
बिहार, दलित साहित्य और साहित्य के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
In wadiyo me yuhi milte rahenge ,
In wadiyo me yuhi milte rahenge ,
Sakshi Tripathi
अपनी पहचान को
अपनी पहचान को
Dr fauzia Naseem shad
सदा के लिए
सदा के लिए
Saraswati Bajpai
बेबाक ज़िन्दगी
बेबाक ज़िन्दगी
Neelam Sharma
"सूत्र-सिद्धान्त"
Dr. Kishan tandon kranti
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
पूर्वार्थ
*भ्राता (कुंडलिया)*
*भ्राता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हथियार बदलने होंगे
हथियार बदलने होंगे
Shekhar Chandra Mitra
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वही दरिया के  पार  करता  है
वही दरिया के पार करता है
Anil Mishra Prahari
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (2)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (2)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...