ज़िन्दगी
कितनी अजीब दास्तान है इस ज़िन्दगी की
कब ख़त्म हो जाये….कौन जाने???
वक़्त छड़िक है इन सांसों की जो चल रही
कब रुक जाए….कौन जाने ????
कितनी अजीब दास्तान है इस ज़िन्दगी की
कब ख़त्म हो जाये….कौन जाने???
वक़्त छड़िक है इन सांसों की जो चल रही
कब रुक जाए….कौन जाने ????