Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

उद्योग हो, भरोसा’ भी बेहद, अथाह हो
मंजिल मिले उसी को’ सबल जिनमे’ चाह हो |

इंसान की स्वतन्त्र, इबादत की’ राह हो
इंसान के प्रकाश, ज्यों’ उजली निगाह हो |

इंसान है समान, खुदा की निगाह में
धनवान हो, गरीब हो’,या बादशाह हो |

हर काम में सलाह लिया सब रकीब से
जनता अगर सलाह दे’ तो क्या गुनाह हो ?

कानून तोड़कर को’ई’ बचते नहीं मगर
पोलिश वही गुनाह का’ पुख्ता गवाह हो |

निर्दोष वो कतील थे’ हक़ चाहते थे’ वे
खुद सोचते हो’ आसमां’, खुर्शीद-ओ-माह हो |

हाकिम जहाँ बे’ दर्द हो’ इन्साफ क्या मिले
सबको सज़ा-ए-मौत, भले बेगुनाह हो |

कालीपद ‘प्रसाद’

452 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"लक्षण"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
Ms.Ankit Halke jha
उत्तम देह
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
गीत
गीत
Mahendra Narayan
सत्य साधना
सत्य साधना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#देसी_ग़ज़ल-
#देसी_ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
विनती
विनती
Kanchan Khanna
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
ललकार भारद्वाज
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
Radhakishan R. Mundhra
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
#आलिंगनदिवस
#आलिंगनदिवस
सत्य कुमार प्रेमी
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरी चाहत
मेरी चाहत
Namrata Sona
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
नहीं उनकी बलि लो तुम
नहीं उनकी बलि लो तुम
gurudeenverma198
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...