Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2020 · 1 min read

ग़ज़ल

दिल में तेरे अब ठिकाना कर लिया
दिल में ही अब आना जाना कर लिया।।

मेरे ग़ज़लों जैसे वो आये नज़र
शेर’ से अपने अब दिवाना कर लिया।।

आईने से पूछ बैठे हाल हम
आज उसने भी बहाना कर लिया।।

खूब खेला वो मेरे ज़ज्बातो से
दिल से रिश्ता वो पुराना कर लिया।।

बागबाँ है ख़ुश्बू से आकिब’ भरा
सबसे अब मिलना-मिलाना कर लिया।।

-आकिब जावेद

2 Likes · 462 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
Suryakant Dwivedi
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
इकिगाई प्रेम है ।❤️
इकिगाई प्रेम है ।❤️
Rohit yadav
*।।ॐ।।*
*।।ॐ।।*
Satyaveer vaishnav
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
■ मी एसीपी प्रद्युम्न बोलतोय 😊😊😊
■ मी एसीपी प्रद्युम्न बोलतोय 😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
माँ-बाप
माँ-बाप
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
साक्षात्कार-पीयूष गोयल(दर्पण छवि लेखक).
Piyush Goel
इंसान होकर जो
इंसान होकर जो
Dr fauzia Naseem shad
*अगर आपको चिंता दूर करनी है तो इसका सबसे आसान तरीका है कि लो
*अगर आपको चिंता दूर करनी है तो इसका सबसे आसान तरीका है कि लो
Shashi kala vyas
हृद्-कामना....
हृद्-कामना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
अहम जब बढ़ने लगता🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Tufan ki  pahle ki khamoshi ka andesha mujhe hone hi laga th
Tufan ki pahle ki khamoshi ka andesha mujhe hone hi laga th
Sakshi Tripathi
"ममतामयी मिनीमाता"
Dr. Kishan tandon kranti
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
*झूठा  बिकता यूँ अख़बार है*
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
Er.Navaneet R Shandily
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
Love is
Love is
Otteri Selvakumar
Loading...