Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2018 · 1 min read

ग़ज़ल/वो ख़ुद को ख़ुदा समझता है

बड़ा इतराता है वो ख़ुद को जाने क्या समझता है
मुझें लगता है कि वो ख़ुद को ख़ुदा समझता है

ये मशग़ला किस जहन्नुम में खदेड़ लाया है मुझें
उसके इक इल्ज़ाम को ये दिल बद्दुआ समझता है

क्या मुहब्बत में इज़हार करना भी गुनाह हो गया
मैंने इश्क़ किया है गुनाह नहीं सारा जहाँ समझता है

उसे भरम होगा कोई ,दिल भटक रहा होगा उसका
मेरा दोस्त मुझें पागल समझता है आवारा समझता है

~अजय अग्यार

284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बसंत का आगम क्या कहिए...
बसंत का आगम क्या कहिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"दास्तान"
Dr. Kishan tandon kranti
हरगिज़ नहीं
हरगिज़ नहीं
Mahender Singh
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
अर्चना मुकेश मेहता
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
इश्क दर्द से हो गई है, वफ़ा की कोशिश जारी है,
Pramila sultan
पलकों में शबाब रखता हूँ।
पलकों में शबाब रखता हूँ।
sushil sarna
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
Uttirna Dhar
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
क्षणभंगुर गुलाब से लगाव
AMRESH KUMAR VERMA
यजीद के साथ दुनिया थी
यजीद के साथ दुनिया थी
shabina. Naaz
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
विचार और भाव-2
विचार और भाव-2
कवि रमेशराज
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय*
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कसक
कसक
Dipak Kumar "Girja"
लोग समझते हैं
लोग समझते हैं
VINOD CHAUHAN
*यह दुर्भाग्य गृहस्थी में प्रभु, कभी किसी के लाना मत (हिंदी
*यह दुर्भाग्य गृहस्थी में प्रभु, कभी किसी के लाना मत (हिंदी
Ravi Prakash
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
जबकि हकीकत कुछ और है
जबकि हकीकत कुछ और है
gurudeenverma198
कैसा अजीब है
कैसा अजीब है
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
Shashi kala vyas
Loading...