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23 May 2024 · 1 min read

गौतम बुद्ध के विचार —

विधा — दोहा छंद
विषय — गौतम बुद्ध के विचार–

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बालक ये सिद्धार्थ था, शुद्धोधन पितु नाम।
जन्म लिया जिस गाँव में, नाम लुम्बिनी धाम।।

जग के दुख को देखकर, बढ़ा जिया उद्वेग।
शुद्ध-बुद्ध व्यवहार से, पलते मन संवेग।।

दुख-सुख के बंधन यहाँ, यह जग नश्वर सार।
सत्य अहिंसा धर्म से, मिले मुक्ति का द्वार।।

माया ठगिनी है बुरी, देती परदा डाल।
मैं मेरा से मन हटा, बुद्धि मोह मत पाल।।

दुख के बंधन टूटते, मिलते जब गोपाल।
जन्म-मरण तब छूटता, कटते सब जंजाल।

त्याग दिया परिवार को, तप करने की ठान।
बोधिधर्म अपना लिया, मिला जगत सम्मान।।

शुभ करते संकल्प से, करें ईश गुणगान।
धरती के यह देवता, करते जग कल्यान।।

✍️ सीमा गर्ग ‘मंजरी’
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश।
मोबाइल नम्बर -9058449093

Language: Hindi
26 Views
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