हौसले हमारे ….!!!
खड़े हैं जिन हालात में
अटल चट्टान बनकर हम
यकीनन आप उन हालात में
टूटकर बिखर गये होते।
मंजिलें मिलती नहीं अक्सर
जिंदगी के उस छोर तक
लम्बे सफर के बाद भी खत्म
नहीं मुश्किलों के सिलसिले होते।
यह हम हैं और जुर्रंत
हमारे हौसलों की है हुजूर
हमारी जगह जो आप होते
थककर पलट गये होते।
आसान है कहना बहुत
मगर सहना पड़े जो गम
चमक चेहरे की खो जाती
“कंचन” लबों पर न कहकहे होते।
दिनांक :- २९.०४.२०१९.