हौसला
हौसला ही तय करेगा, फासला प्रारंभ से।
निष्ठ होना नित्य चलना, शून्य से आरंभ से।।
कौन कहता है कि, छू नहीं सकते गगन।
हो समर्पण लक्ष्य में, बाज जैसी हो लगन ।।
हौसला ही तय करेगा, फासला प्रारंभ से।
निष्ठ होना नित्य चलना, शून्य से आरंभ से।।
कौन कहता है कि, छू नहीं सकते गगन।
हो समर्पण लक्ष्य में, बाज जैसी हो लगन ।।