होली
होली आई
खुशियाँ खूब लाई
मन को भाई।
गुलाल उड़े
नफरत मिटाये
गले लगाये।
होली की रात
होलिका जली आग
सत्य की जीत ।
कहीं ठंडाई
कहीं जमे हैं भांग
मस्ती की बात ।
पुआ व पुड़ी
दहीबड़ा, पकौड़ी
रंग जमाई।
बाजे हैं ढोल
संग -संग मजीरा
गाये है फाग।
होली के रंग
भाये पिया के संग
भरे उमंग ।
भींजे चुनर
बरस रहा रंग
बहके मन।
झूमती रति
देख-देख मदन
मनमगन।
खेले हैं होली
संग में हमजोली
होली रे होली ।