जल खारा सागर का
Dr Nisha nandini Bhartiya
क्यों तुम उदास होती हो...
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
मां रिश्तों में सबसे जुदा सी होती है।
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
23/142.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
खाना-कमाना सीखिगा, चोरियॉं अच्छी नहीं (हिंदी गजल/ गीतिका)
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker