Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2020 · 1 min read

होली !

जब खेतों में छा जाए हरियाली
सरसों हो जाती है पीली

नील गगन में बादल काले
इस मौसम में आती है होली

लाल गाल हो जाते पीले
जब पिचकारी से छूटे गोली

रंगों का त्योहार अनोखा
गोरी सूरत हो जाती है नीली

जब से रंग बदला इंसानों ने
तब से फीकी हो गई रंगोली

चल जात पात को छोड़ राजेश
हम सब मिलकर खेलेंगे होली !

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
सुन कुछ मत अब सोच अपने काम में लग जा,
सुन कुछ मत अब सोच अपने काम में लग जा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
Keshav kishor Kumar
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
Buddha Prakash
झूला....
झूला....
Harminder Kaur
तितली रानी
तितली रानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
अरे ! मुझसे मत पूछ
अरे ! मुझसे मत पूछ
VINOD CHAUHAN
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
Rekha khichi
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
2645.पूर्णिका
2645.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*पुस्तक (बाल कविता)*
*पुस्तक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
मां!क्या यह जीवन है?
मां!क्या यह जीवन है?
Mohan Pandey
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
Praveen Sain
Gestures Of Love
Gestures Of Love
Vedha Singh
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
........,
........,
शेखर सिंह
Loading...