होली !
जब खेतों में छा जाए हरियाली
सरसों हो जाती है पीली
नील गगन में बादल काले
इस मौसम में आती है होली
लाल गाल हो जाते पीले
जब पिचकारी से छूटे गोली
रंगों का त्योहार अनोखा
गोरी सूरत हो जाती है नीली
जब से रंग बदला इंसानों ने
तब से फीकी हो गई रंगोली
चल जात पात को छोड़ राजेश
हम सब मिलकर खेलेंगे होली !