// होली में ……
//…होली में…//
ये रंग , वो रंग
और वो भी रंग
रंगों से रंग मिले ,
हो गए एक रंग …!
रंग- रंग , संग – संग
लेकर के उमंग
पलाश है तलाश में ,
ढूंढे कोई संग ….!
तेरा मन , मेरा मन
मन से मन मिले
मन ही मन में ,
हो गए एक मन …!
इस बरस के
होली में मिले ,
मैं और तुम
हो गए एक हम …!
फिर जैसे कोई ,
नई शुरुआत हुई ,
रुका हुआ था ,
चलने लगा जीवन …!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव ( छत्तीसगढ़ )