होली (माहिये)
लाल गुलाबी गुलाल
हम तो लगाएंगे
गोरे गोरे उनके गाल
तुमसे मिलकर साजन
ऐसा रंग लगा
रंगा मन का भी आँगन
रुत आई अलबेली
छेड़े होली में
साजन कर अठखेली
रँग खेले हमजोली
फागुन आयो रे
गायें मिलकर हम होली
खेलें देवर भौजाई
जीजा साली सँग
होली की मस्ती छाई
चाहें कह दो दीवाना
होली में दिल को
मुश्किल है समझाना
मारें भर भर पिचकारी
भोली लगती है
बच्चों की किलकारी
सजीं फूलों से डाली
रंगों की बरखा
फागुन रुत मतवाली
21-03-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद