होली पर्व
आपस में मिल बैठिये,मन मुटाव हो दूर,
तो होली सार्थक रहे, मद हो चकनाचूर.
रंग, बिरंगी हो रही, सतरंगी बौछार,
अमिट छाप यह प्रेम की,द्वेष रहें निस्सार.
आपस में मिल बैठिये,मन मुटाव हो दूर,
तो होली सार्थक रहे, मद हो चकनाचूर.
रंग, बिरंगी हो रही, सतरंगी बौछार,
अमिट छाप यह प्रेम की,द्वेष रहें निस्सार.