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31 May 2024 · 1 min read

भूल सकू तो भुला दूं

भूल सकू तो भुला दूं
सबसे पहले अतीत को जला दू
भूल सकू तो भुला दूं
एक नए जीवन को शुरुवात दू

एक दुआ मांगू ईश्वर से
की सारे गम को भुला दू
बीते दिन मुझे न याद आए
ये वरदान लू

आखिर अतीत एक बिता
कल हैं जीना नवीन कल हैं
दोनो का न कोई
एक दूसरे से जुड़ा कल है

भूल सकू तो शत्रु को
अपने भुला दू
उन्हें मित्रता का
हार दू

भूल सकू तो हर एक
दर्द को भुला दू
पर ये मेरे हाथ में कहा
विधाता को कैसे में मात दू

Language: Hindi
1 Like · 119 Views

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