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13 Feb 2024 · 1 min read

कवियों का अपना गम

लिखने वाले की कमी कहां,
पढ़ने वालों में क्षीण हुआ,
देख कविता का हाल तमाशा,
हर एक कवि उदास हुआ।

ओश से पत्ता पत्ता सारा बोर हुआ,
बरखा रानी की सहेली ओश हुआ,
शीत ऋतु में सावन मजाक हुआ,
हर एक शब्द नई रौशनी मोहताज हुआ।

मिले कहां कविता का सम्मान,
हर कवि का मन व्याकुल किया,
कविता के भाव में कुछ छिपा,
कवियों का अपना गम…

Language: Hindi
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