होली के रंगों सा तुम
होली के रंगों सा तुम
जीवन खुुुशियों से रंग लेना
भरकर रंग उम्मीदों के..
सपने सतरंगी कर लेना…
मिटाकर द्वेष दिलों का तुम
दुश्मन को गले लगा लेना
मुस्कराहटों का गुलाल..
उनके चेहरे पर मल देना..
चांद सितारे दामन में भरना
आंखों को जुगनू कर लेना..
गुझिया की मिठास घोलना
कड़वी बात भुला देना..
अबकी होली मन से अपने
सारे बैर मिटा देना..
लाल कपोलों को करना..
होठों पर फाग चढा़ लेना..
है दुआ हमारी रब से इतनी..
फूलों सा मन के उपवन को
महका लेना…
दीपाली कालरा