होगा जन कल्याण
*******होगा जन कल्याण********
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दीवाली सी बीती गई काली बोली रात
जन गण ने दीप जला रोशन कर दी रात
दीपशिखा लौ से जगमग सब गांव शहर
जन मन अन्दर वंदन देख थम गया पहर
आस्था का मंजर दिखा,दिख थे जज्बात
जन चेतना में चमक गई थी श्यामल रात
रात्त नौ बजे नौ मिनट का अल्प अंतराल
एकता सूत्र में पिरो गया देखा ऐसा हाल
जज्बा गर ऐसा दिखे होगा जन कल्याण
कोशिश से बन जाएगा मेरा भारत महान
सफाईकर्मी,वर्दीकर्मी,डॉक्टर,नर्स,इंसान
दीप जला मान दिया जो भू पर भगवान
अनेकता में एकता का दिखा था नजारा
विकास पथ पर बढ़ता रहे भारत प्यारा
अखंडता दीप जला वीर सपूतों के नाम
विकट परिस्थिति में काम करे बिन दाम
सुखविंद्र संकट की घड़ी में था आह्वान
मिलजुलकर जंग लड़ें,हो जन कल्याण
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)