Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2021 · 1 min read

होंसला, हिम्मत और खुदा

लाख नुक्तचिनियों की आंधियां चलाए जमाना ,
अपने होंसले की शम्मा को सदा जलाए रखना।

गहरा खड्डा खोदेंगे जाल बिछाए साजिशों के ,
हर एक कदम तुमको फूंक फूंक के है रखना।

अपनी आस्तीनों में सांप पाल रखे है लोगों ने ,
सोच समझ कर ही तुम किसी से हाथ मिलाना ।

पहले वो तो दिल में उतरेंगे अपनापन जताकर ,
गले मिलना मगर खंजर से खबरदार रहना ।

कुछ लोग नजरें मिलाकर दिल के राज पढ़ लेंगे ,
और फिर फैला देंगे जहां में बनाकर अफसाना ।

इसीलिए किसी से भी अपना दर्द न बांटना तुम ,
सारे राज और दर्द अपने सीने में ही जज्ब रखना ।

यहां रिश्ते और दोस्त हैं काग़ज़ के फूलों की तरह ,
बिछाए गर तुम्हारी राहों में फूल उस पर मत चलना।

ये दुनिया धोखे और साजिशों से भरी हुई है दोस्त !
इसीलिए यकीन गर करना तो बस खुद पर करना।

इंसान के जीवन में बस दो ही सच्चे दोस्त होते हैं,
एक खुद पर यकीन और दूसरा हिम्मत का होना ।

खुद पर यकीन,हिम्मत और होंसला इंसान के मीत,
जो सिखाते हुनर दुनिया में सर उठाकर कैसे जीना ।

जिंदादिली से जिओ तो खुदा भी सदा तुम्हारे साथ ,
मेहनत करो इतनी की तकदीर भी छोड़ दे सताना ।

“अनु”को तो यकीन है खुद से भी जायदा खुदा पर ,
गर वो साथ है तो फिर जालिम ज़माने से क्या डरना ।

2 Likes · 6 Comments · 379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वज़ूद
वज़ूद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"बात हीरो की"
Dr. Kishan tandon kranti
न किसी से कुछ कहूँ
न किसी से कुछ कहूँ
ruby kumari
“बदलते रिश्ते”
“बदलते रिश्ते”
पंकज कुमार कर्ण
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
जय हनुमान
जय हनुमान
Santosh Shrivastava
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
शांति युद्ध
शांति युद्ध
Dr.Priya Soni Khare
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
"चंदा मामा, चंदा मामा"
राकेश चौरसिया
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
manjula chauhan
सबला
सबला
Rajesh
व्यक्ति को ह्रदय का अच्छा होना जरूरी है
व्यक्ति को ह्रदय का अच्छा होना जरूरी है
शेखर सिंह
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
कृष्णकांत गुर्जर
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
* सत्य एक है *
* सत्य एक है *
surenderpal vaidya
पिता
पिता
Shweta Soni
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
Vishal babu (vishu)
मुख  से  निकली पहली भाषा हिन्दी है।
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
सत्य कुमार प्रेमी
कविता
कविता
Neelam Sharma
2289.पूर्णिका
2289.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🙅मैच फिक्स🙅
🙅मैच फिक्स🙅
*Author प्रणय प्रभात*
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
Santosh Soni
Loading...