#ग़ज़ल-38
क्या मिलेगा यूँ शोर ही मचाने में
है मज़ा तो बस काम कर दिखाने में/1
कोशिशें तो नाक़ाम ख़ार होती ना
पर वक़्त तो लगता बहार आने में/2
साज़िशें करले तू मिटा सकेगा ना
देख मिट जाएगा मुझे मिटाने में/3
तेज़ तलवारों पे रखा हुआ दिल है
मोम क्या तोड़ेगी इसे ज़माने में/4
मंज़िलें हँसके आ गई चला जब मैं
हौंसला जीता हार को हराने में/5
तुम खुदी ताक़त हो निडर बनो यारो
दीप जलता ज्यों तम यहाँ मिटाने में/6
प्रीत दिल में प्रीतम मज़ा वही देती
जो मज़ा आता गीत गुनगुनाने में/7
-आर.एस.”प्रीतम”