*हैदराबाद एनकाउंटर*
भागने की सोच रहे थे बन के वो परिंदे ।
मारे गए एनकांउटर में सारे कातिल दरिंदे ।।
पुलिस को वो हैवान पहनाने चले थे टोपी ।
ख़ुद के ही हाथों ख़ुद की क़ब्र उन्होंने खोदी ।।
सच्च में इंसाफ मिला बेटी को इस बार ।
रहना चाहिए ये सिलसिला यूँ ही बरकार ।।
तारीफ इस कदम की हो रही चारों ओर ।
हवानों की मौत से जैसे खिल गई हो भोर ।।
अब सच्चा इंसाफ मिला भारत की इस बेटी को ।
घटना स्थल एनकाउंटर में ही मरे सब आरोपी जो ।।
वहसी दरिंदों की मौत पर मनाई जा रही ख़ुशियाँ ।
पुलिस वालों को मिठाई आज खिला रही बेटियाँ ।।
मिली मौत की सौगात उन्हें जो बने हुए थे शूल ।
इसी ख़ुशी में पुलिस वालों पर बरसाए गए फूल ।।
नित बढ़ रहा था महिलाओं में असुरक्षा का ख़ौप ।
मार कर दरिंदों को इंसाफ का बीज दिया है रोप ।।
बेशक़ मिला नहीं निर्भया को आज तक इंसाफ ।
उम्मीद जगी हैवानों का अब कचरा होगा साफ ।।
कानून की ताकत दिखाई दरिंदगी करने वालों को ।
सब बेटियों का सल्यूट हैदराबाद पुलिस वालों को ।।