Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2017 · 1 min read

हैं सखी रंग – रंगदो ना गुलाल (होली गीत)

प्रिय मोरी सखी तुम रंग-रंग दो ना रंग गुलाल।
फाग की तानें छिडती चेहरा कर दो ना लाल।।
प्रिय मोरी सखी………………. ।

सब संग खेले हे होली ऐसों हैं योंही त्यौहार।।
नाना प्रकार रंगों में कौनसा प्रिय रंग तुम्हार।।
लादु मोरी वोही रंग तुम्हें रंगण को इस साल।
प्रिय मोरी सखी…………………. ।

बादल भी अब लाल – गुलाल रंगों से होवत हैं।
होली पर सप्त रंगों की वों ओंढनी ओढत हैं।।
हैं सखी खेलण री पहल करदों ना तुम चाल।
प्रिय मोरी सखी…………………. ।

उर में चाहत सी हैं थारे संग खेलण री होली।
रंगों के कलष से तने बधाऊ कैसे करू चोली।।
अब क्यों ना कर दों ना लाल बुरा होता हाल।
प्रिय मोरी सखी…………………. ।

चम-चम के चिंगारे हैं रंगों में हम तो न्यारे हैं।
लहर-लहर उर में मचलती मन के हम सितारें हैं।
मन की इच्छा हैं क्यों न फाग खेले इसी साल।
प्रिय मोरी सखी………………….. ।

का रंग खेलु मैं होली का,उका मन न होता लाल।
रंगीले मौसम में सब के लिए चलती गीतों की चाल।।
संग में मिलों रणदेव के ताकि दिल का न हों हलाल।
प्रिय मोरी सखी…………………..।

प्रिय मोरी सखी तुम रंग-रंग दो ना रंग गुलाल।
फाग की तानें छिडती चेहरा करदो ना लाल।।

रणजीत सिंह “रणदेव” चारण
मुण्डकोशियां

Language: Hindi
Tag: गीत
353 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ बात अगर ग़ैरत की हो तो क्यों न की जाए हिज़रत?
■ बात अगर ग़ैरत की हो तो क्यों न की जाए हिज़रत?
*Author प्रणय प्रभात*
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
हाइकु : रोहित वेमुला की ’बलिदान’ आत्महत्या पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
//  जनक छन्द  //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
फुलों कि  भी क्या  नसीब है साहब,
फुलों कि भी क्या नसीब है साहब,
Radha jha
आजादी का दीवाना था
आजादी का दीवाना था
Vishnu Prasad 'panchotiya'
जानते वो भी हैं...!!!
जानते वो भी हैं...!!!
Kanchan Khanna
मेले
मेले
Punam Pande
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
* मुस्कुराते हुए *
* मुस्कुराते हुए *
surenderpal vaidya
सफर
सफर
Arti Bhadauria
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Mohan Pandey
****शिक्षक****
****शिक्षक****
Kavita Chouhan
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
When you think it's worst
When you think it's worst
Ankita Patel
*हृदय की वेदना हर एक से कहना नहीं अच्छा (मुक्तक)*
*हृदय की वेदना हर एक से कहना नहीं अच्छा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
पूर्वार्थ
*रामलला का सूर्य तिलक*
*रामलला का सूर्य तिलक*
Ghanshyam Poddar
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुबह को सुबह
सुबह को सुबह
rajeev ranjan
पल-पल यू मरना
पल-पल यू मरना
The_dk_poetry
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उम्र का लिहाज
उम्र का लिहाज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
Loading...