हे युवा पीढ़ी सुनो
हे युवा पीढ़ी सुनो
आदर्श तुम अपने बहुत
सावधान होकर चुनो
तुम्हारे वर्तमान होरो जो है
वो सब के सब भीतर से खोखले हैं
और चरित्र से बहुत ही दोगले है
त्याग इनमें नही है
वीरता इनमें नही है
साहस इनमें नही है
धीरज इनमें नही है
दया इनमें नही है
क्षमा इनमें नही है
भाव बलिदान का इनमें नही है
बोध आत्मसम्मान का इनमें नही है
अत्याचार के प्रतिकार की शक्ति नही है
और इनके मन में राष्ट्रभक्ति नही है
इनमें है तो बस
लालच है,मोह है
क्रोध है,लोभ है
मद है, व्याभिचार है
कपट है, अहंकार है
मेरा निवेदन है तुम्हें
जरा झांक कर देखो तो तुम
अपने इतिहास में
तुम्हें परशुराम मिलेंगे
श्री राम मिलेंगे,महाबली हनुमान मिलेंगे
अर्जुन मिलेंगे, श्रीं कृपया मिलेंगे
माता सिता मिलेंगी
श्रीमद्भागवत गीता मिलेगी
विक्रमादित्य महान मिलेंगे
चन्द्रगुप्त सम्राट मिलेंगे
चाणक्य की नीति मिलेगी
समुद्रगुप्त महाराज मिलेंगे
हर्षवर्धन महान मिलेंगे
बप्पा रावल बलवान मिलेंगे
ललितादित्य के पहचान मिलेंगे
महाराणा प्रताप मिलेंगे
छत्रपति शिवाजी महाराज मिलेंगे
छत्रसाल मिलेंगे
भगतसिंह मिलेंगे
सुभाषचन्द्र बोस मिलेंगे
चन्द्रशेखर आजाद मिलेंगे
मैं तुम्हें आमंत्रण देता हूं
आओ ढुंढो
ऐसे और महानायक पचास मिलेंगे