Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2023 · 1 min read

चोट सीने पे आज खाई है

मेरे जख्मों की तू दवाई है
चोट सीने पे आज खाई है

जिंदगी के हसीन मेले में
हम भी फंसते गए झमेले में
बात अब ये समझ में आई है
मेरे जख्मो की तू दवाई है

मेरे जीवन की ये कहानी है
मेरी अब भी कई, दिवानी है .
“मो-अत” आई नहीं बुलाई है
मेरे जख्मों” की तू दवाई है

देखता हूं तुम्हें जमाने से
वक्त मिलता नही कमाने से
आंख मिलती नही,मिलाई है
मेरे जख्मों की तू दवाई है
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
गुरु नानक देव जी --
गुरु नानक देव जी --
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
प्रोफेसर ईश्वर शरण सिंहल का साहित्यिक योगदान (लेख)
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनमोल
अनमोल
Neeraj Agarwal
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मित्रता दिवस पर विशेष
मित्रता दिवस पर विशेष
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
यादों के झरोखों से...
यादों के झरोखों से...
मनोज कर्ण
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
तेरा हम परदेशी, कैसे करें एतबार
gurudeenverma198
'उड़ान'
'उड़ान'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
We are sky birds
We are sky birds
VINOD CHAUHAN
आसान नहीं होता...
आसान नहीं होता...
Dr. Seema Varma
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
"डर"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्री रामलला
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
■ यादगार लम्हे
■ यादगार लम्हे
*प्रणय प्रभात*
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
हमारी मोहब्बत का अंजाम कुछ ऐसा हुआ
Vishal babu (vishu)
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
एक लम्हा भी
एक लम्हा भी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...