हे माँ मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ….
हे माँ मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ
तेरी ममता के आँचल का कोना चाहता हूँ
हे माँ ! मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूँ
मखमल के गद्दे मखमल का चादर न चाहूँ
तेरी साड़ी के पल्लू का बिछौना चाहता हूँ
हे माँ मुझे सुला दे….
तू जाने है मै क्या हूँ मै फिर से बचपन मे खोना चाहता हूँ
हे माँ! मै सोना…..
जब मै रोता तू क्यो रोये लल्ला कह पोछे है आँसू पल्लू से,
मै वैसे ही जोरो से रोना चाहता हूँ …
हे माँ! ….
सेल का खिलौना न चाहूँ…जो मेरे साथ चले एेसे लकड़ी का खिलौना चाहता हूँ…
हे माँ! मै मुझे सुला दे….
जो न समझे मुझको न चाहूँ उसके दिल का कोना
….बस तेरे दिल का कोना चाहता हूँ
हे माँ! मुझे सुला दे मै सोना चाहता हूूँ
मै सोना चाहता हूँ…………. मोनू