हे ईश्वर
हे ईश्वर एक तुम ही तो हो,
जिसने हर समय साथ दिया l
नहीं तो मैं वह कश्ती थी,
जिसका कोई साहिल नहीं था l
मैं वह नदी थी,
जिसका कोई किनारा नहीं था l
मैं वह सुबह थी,
जिसकी कोई शाम नहीं थी l
चाहे तो डुबो दे इस महासागर में,
चाहे तो तार दे, इस भवसागर में l
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