Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

मन कहता है

मन कहता है

मन कहता है अब तो मेरा
हर किसी से प्यार कर
अलसाये इस परिवेश में
वीणा की झंकार कर
त्यागी योगी और तपस्वी
साधक तू तैयार कर
जाग उठे मानवता सारी
कुछ ऐसी पुकार कर
जिसको कोई नहीं अपनाता
ऐसो को भी दुलार कर
कष्ट भोगते इस मानव की
चिंता का परिहार कर
अत्याचारी ताकतवर का
कुछ तो तू प्रतिकार कर
गर ऐसा भी कर ना सके तो
मीठी सी मनोहर कर
चिंगारी जो छिपी पड़ी है
अब उसको अंगार कर
काव्य ,कथा और कल्पना
अब इनका श्रृंगार कर
धूल धूसरित हीरे मोती
उनकी कुछ पहचान कर
जड़ता को जो तोड़ सके
विध्वंसी ललकार कर
कौन सुनेगा तेरी पीड़ा
नाहक मत चीत्कार कर
मन कहता है अब तो मेरा
हर किसी से प्यार कर
ओम प्रकाश मीना

4 Likes · 27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from OM PRAKASH MEENA
View all
You may also like:
श्रम कम होने न देना _
श्रम कम होने न देना _
Rajesh vyas
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
चाहत अभी बाकी हैं
चाहत अभी बाकी हैं
Surinder blackpen
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
surenderpal vaidya
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
2812. *पूर्णिका*
2812. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
तक़दीर शून्य का जखीरा है
तक़दीर शून्य का जखीरा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
मैं चल रहा था तन्हा अकेला
..
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
"काल-कोठरी"
Dr. Kishan tandon kranti
अंधविश्वास
अंधविश्वास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" मेरे प्यारे बच्चे "
Dr Meenu Poonia
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
*तलवार है तुम्हारे हाथ में हे देवी माता (घनाक्षरी: सिंह विलो
*तलवार है तुम्हारे हाथ में हे देवी माता (घनाक्षरी: सिंह विलो
Ravi Prakash
कलम वो तलवार है ,
कलम वो तलवार है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
आर.एस. 'प्रीतम'
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
भले ही भारतीय मानवता पार्टी हमने बनाया है और इसका संस्थापक स
Dr. Man Mohan Krishna
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
मेंहदीं
मेंहदीं
Kumud Srivastava
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...