खोल रखे हृदय वातायन
विस्मृत न हो सके स्मृतियों के वे क्षण
बाट निहार – निहार थके झरते नयन
मन की पालित आशाएं बूढ़ी हो चली
कितने खोल रखे सदा हृदय वातायन
विस्मृत न हो सके स्मृतियों के वे क्षण
बाट निहार – निहार थके झरते नयन
मन की पालित आशाएं बूढ़ी हो चली
कितने खोल रखे सदा हृदय वातायन