Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

** हूं रूख मरुधरा रो **

हूं रूख मरुधरा रो

केर नाम है म्हारो

विषम सूं विषम टेम

में भी मैं ऊभो रहूं
*****
अकास म्हारी ओर

देखे है टुकुर-टुकुर

अर सोचे मन में

ओ बिरखा बिना

तपते तावड़ो में

बिना पत्ता रो रूख

सियाळे रो सी कियां

झेले है कांटा साथे
*******
माथे छाँव नी इण रे

ओ जीवण कियां जीवे

ऊभो आभे में ताकतो

जमीं में पग रोप खड़ो
****
अंगद री याद दिलावतो

लोगां उखाड़ने में कसर

नी छोड़ी आप री ऒर सूं

पण जबर जज़्बा न देख

हार मान ली सारां आपणी
*****
हूं जमीं सूं जुड़योड़ो और

म्हारे पग एक नी अनेक है

बाढ़ र किताक बाढ़ सो थे

हूं फेर भी खड़ो हूं खेत में
*****
थाने चिड़ावतो रह सूं अर

म्हारो कीं नी बिगाड़ सको
***
ई जमाने में म्हारा फळ इतरा

मेंगा हो गया अर स्वार्थ थारों
****
मैं सदाबहार रूख मरुधरा रो

म्हारा फळ खाणा चाहो तो

कांटा तो सहणा ही पड़ सी

फळ खाणा है तो प्रेम सूं

नी तो म्हारा सूळ थांरों

काळजो बींद दे सी अर थे
***?
इण पीड़ न लेन सगळी उमर

रोंवता रहसो म्हने याद कर-कर
****
ना करो बेर म्हा सूं

मैं केर हूं केर खेर
****
हूं रूख मरुधरा रो

केर नाम है म्हारो

* 💐मधुप “बैरागी”*

Language: Hindi
1 Like · 49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
15. गिरेबान
15. गिरेबान
Rajeev Dutta
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
क़ीमत नहीं होती
क़ीमत नहीं होती
Dr fauzia Naseem shad
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
Rj Anand Prajapati
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
लाख बड़ा हो वजूद दुनियां की नजर में
शेखर सिंह
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
युक्रेन और रूस ; संगीत
युक्रेन और रूस ; संगीत
कवि अनिल कुमार पँचोली
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
Ravi Prakash
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
Er. Sanjay Shrivastava
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
"तब पता चलेगा"
Dr. Kishan tandon kranti
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
🌹⚘2220.
🌹⚘2220.
Dr.Khedu Bharti
मजबूरी नहीं जरूरी
मजबूरी नहीं जरूरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Sakshi Tripathi
Loading...