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27 Jun 2020 · 1 min read

” हिसाब “

आधा वक्त
भूत को याद करके
वर्तमान से भाग के
भविष्य में सब
पाने की कल्पना में
बर्बाद करते ,
और
बचे हुए
थोड़े से वक्त में
ज्यादा खोने कम पाने का
हिसाब करके रोते ।।।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10 – 01 – 91 )

Language: Hindi
1 Like · 6 Comments · 331 Views
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