हिन्दुओ के प्रति एक आतंकी की सोच।
उलझे रहो तुम जातियों में….
उलझे रहो तुम धर्म के व्यापार में..
इक दिन गुलाम फिर बनाएंगे।
तुम आपस मे ही लड़ते रहोगे,
हम तुम्हारा फायदा उठाएंगे।
तुम ब्राम्हण,क्षत्रिय,वैश्य,शूद्र करते रहो..
इक दिन नरसंहार ऐसा होगा..
तुम्हारा सर धर से अलग होगा..
कुछ बोल नहीं तुम पाओगे..
इक दिन गुलाम फिर बनाएंगे।
तुम भगवान व्यापार में उलझे रहो..
पाखण्डवाद में जकड़े रहो..
इक दिन गुलाम फिर बनाएंगे।
कभी पंडित को काटूंगा,
कभी दलित को काटूंगा।
तुम बस देखते रहोगे खड़े होके तमासा..
तुम कुछ कर नही पाओगे मेरा बाल बांका..
इक दिन गुलाम फिर बनाएंगे।
तुम बधे हो जातियों के जंजीर से..
समय रहते नहीं सुधरे..
ओ दिन दूर नहीं होगा …
इक दिन गुलाम फिर बनाएंगे।
जब अपना फायदा न सोचके..
जब तक एक नहीं होंगे तुम..
तुम्हारा हश्र यही होगा…
जब हिन्दुस्तान ग़ुलाम होगा।
ये भारत भूमि है राम की..
अब भी वक़्त मेरे यारों..
कब इंसानियत निभाओगे..
कब हिन्दू धर्म निभाओगे..
नहीं तो!ओ दिन दूर नहीं होगा …
जब हिन्दुस्तान गुलाम होगा।
?जै हिन्द जै भारत?