Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है

हिंदी मेरी, राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
———————————

हिंदी मेरी, राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है,
जन जन को है प्यार इसी से हिंदी इतनी प्यारी है।

जिस ने इस को दिल से चाहा तुलसी और रसखान हुआ,
किसी ने बनकर सूर्य, निराला शोहरत का आकाश छुआ,
भाषाओं की लाज इसी से इसी से सब की यारी है।

हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है,
जन जन को है प्यार इसी हिन्दी इतनी प्यारी है।

इसे मिटा पाने की हरगिज़ नहीं किसी में ताकत है,
अंग्रेजी के चलन से हाँ कुछ हिंदी मेरी आहत है,
इस की रक्षा की इच्छा में हर एक नर और नारी है।

हिंदी मेरी, राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है,
जन जन को है प्यार इसी से हिंदी इतनी प्यारी है।

आओ मिलकर कसम यह खाएं गीत इसी के गाएंगे,
हिंदी के संदेश को हर इक घर तक लेकर जाएंगे,
गीत सुना जिस ने भी शमा का सब का वह आभारी है।

हिंदी मेरी,राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है,
जन जन को है प्यार इसी से हिंदी से इतनी प्यारी है।

शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 101 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 Nhà cái
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
भगवती पारीक 'मनु'
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
"मगर"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
वक्त बड़ा बेरहम होता है साहब अपने साथ इंसान से जूड़ी हर यादो
Ranjeet kumar patre
रात
रात
sushil sarna
आत्मनिर्भर नारी
आत्मनिर्भर नारी
Anamika Tiwari 'annpurna '
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
"चंदा के झूले में, झूलें गणेश।
*प्रणय*
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
हम हरियाला राजस्थान बनायें
हम हरियाला राजस्थान बनायें
gurudeenverma198
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
प्रेम है तो जता दो
प्रेम है तो जता दो
Sonam Puneet Dubey
अपनी पहचान का मकसद
अपनी पहचान का मकसद
Shweta Soni
बच्चों की परीक्षाएं
बच्चों की परीक्षाएं
Dhirendra Singh
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गरीबी  बनाती ,समझदार  भाई ,
गरीबी बनाती ,समझदार भाई ,
Neelofar Khan
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
*राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हमारे मन के अंदर, बसे हुए भगवान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
तुमने मुझको कुछ ना समझा
तुमने मुझको कुछ ना समझा
Suryakant Dwivedi
नज़रों से नज़रें मिली जो
नज़रों से नज़रें मिली जो
Chitra Bisht
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3764.💐 *पूर्णिका* 💐
3764.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रंग अलग है
रंग अलग है
surenderpal vaidya
Loading...