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4 May 2024 · 1 min read

हार जाना चाहता हूं

जीत में उन्माद है एक
जीत तय भी तो नहीं है
जीत का सुख क्षणिक है
जीत है एक भ्रम
जीत लहर में मझधार है
जीत नाव की पतवार है
मन की इस वेदना से
मैं पार पाना चाहता हूं
हार जाना चाहता हूं

Language: Hindi
38 Views
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