हार जाना चाहता हूं
जीत में उन्माद है एक
जीत तय भी तो नहीं है
जीत का सुख क्षणिक है
जीत है एक भ्रम
जीत लहर में मझधार है
जीत नाव की पतवार है
मन की इस वेदना से
मैं पार पाना चाहता हूं
हार जाना चाहता हूं
जीत में उन्माद है एक
जीत तय भी तो नहीं है
जीत का सुख क्षणिक है
जीत है एक भ्रम
जीत लहर में मझधार है
जीत नाव की पतवार है
मन की इस वेदना से
मैं पार पाना चाहता हूं
हार जाना चाहता हूं