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22 May 2020 · 1 min read

हार कहाँ हमने मानी है

हार कहाँ हमने मानी है
********************

मन में हमने यह ठानी है
हार कहाँ हमने मानी हैं

चाहे कष्टों भरा साया हो
संकट महाजाल फैलाया हो
चाहे तन मन घबराया हो
हमने लड़ने की ठानी है
हार कहाँ हमने मानी हैं

बिगड़ी हुई परिस्थितियां हो
चाहे हक में न स्थितियाँ हो
आड़े आएं गृहस्थियाँ हो
टकरा जाने की ठानी है
हार कहाँ हमने मानी है

चाहे बहती जल धारा हो
चाहे बिल्कुल बेसहारा हो
चाहे दिखता न किनारा हो
पीछे न हटने की ठानी है
हार कहाँ हमने मानी है

चाहे नभ में मेघ छाये हों
चाहे तीव्र तूफां आएं हो
छायी हुई काली घटाएं हो
भिड़ जाने की ही ठानी है
हार कहाँ हमने मानी हैं

सुखविन्द्र कंटीली राहें हों
साथ जुड़ती नहीं बाहें हों
चाहे विषैली निगाहें हों
नजरें मिलाने की ठानी है
हार कहाँ हमने मानी हैं

मन में हमने यह ठानी है
हार कहाँ हमने मानी है
*******************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Comment · 241 Views
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