हाईकु एकादश
आज के हमारे अभी अभी के हाईकु सादर…
स्वप्न
हाईकु-एकादश
१
स्वप्न का लोक
बहुत सुहाना है
पल भर का।
२
वास्तविकता
सपने टूटते है
ध्यान रखिए
३
सपने देखें
सच तब ही होंगे
खुद से लेखें
४
सपने सच
दिल साफ रखिए
अजूबे रच।
५
जिंदगी भी तो
सपना है देखिये
टूटती कैसे
६
एक सपना
एक देश अपना
रोज जपना
७
अच्छा सोचिए
स्वप्न आएंगे अच्छे
जो होंगे सच्चे
८
हिंसा कभी ना
सपने सृजन के
राष्ट्र हित मे
९
बड़े सपने
भेद भाव तजिए
सभी अपने
१०
स्वप्न गहरे
जागकर सँभलें
लगा पहरे
११
गूँगे बहरे
स्वप्न सच मानते
डूबें गहरे
राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि. २०-०२-१७
राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि.२२-०२-१६