Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

3239.*पूर्णिका*

3239.*पूर्णिका*
🌷 भाग्य से ही मिलता है सब🌷
2122 22 22
भाग्य से ही मिलता है सब।
चाह से ही मिलता है सब ।।
देख मंजिल कहती अपनी ।
जिंदगी में मिलता है सब ।।
तालमेल जहाँ हो देखो।
काम बनते मिलता है सब ।।
बदल जाते दुनिया सुंदर।
सोच से ही मिलता है सब ।।
फूल खिलते दामन खेदू।
राह चलके मिलता है सब ।।
…….✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
06-04-2024शनिवार

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"जीवन की अंतिम यात्रा"
Pushpraj Anant
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
गाओ शुभ मंगल गीत
गाओ शुभ मंगल गीत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
मौन धृतराष्ट्र बन कर खड़े हो
DrLakshman Jha Parimal
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
लक्ष्मी सिंह
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
कवि दीपक बवेजा
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
नींद आती है......
नींद आती है......
Kavita Chouhan
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पत्थरवीर
पत्थरवीर
Shyam Sundar Subramanian
मेरे आदर्श मेरे पिता
मेरे आदर्श मेरे पिता
Dr. Man Mohan Krishna
घमण्ड बता देता है पैसा कितना है
घमण्ड बता देता है पैसा कितना है
Ranjeet kumar patre
✍🏻 #ढीठ_की_शपथ
✍🏻 #ढीठ_की_शपथ
*Author प्रणय प्रभात*
3218.*पूर्णिका*
3218.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारी जय जय चौकीदार
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
*प्रिया किस तर्क से*
*प्रिया किस तर्क से*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गायें गौरव गान
गायें गौरव गान
surenderpal vaidya
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Sakshi Tripathi
" बेदर्द ज़माना "
Chunnu Lal Gupta
हंसी मुस्कान
हंसी मुस्कान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
संक्रांति
संक्रांति
Harish Chandra Pande
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
मोमबत्ती जब है जलती
मोमबत्ती जब है जलती
Buddha Prakash
Loading...