# हाइकू ‘झांक भीतर’ @मंजुल मनोचा@
1. चैन सुकून
मिलते ना बाहर
झांक भीतर
2.तुम गयी या
जिंदगी गयी रूठ
सी मुझसे
3.तुम मेरे हो
और हम तुम्हारे हैं
सब लारे हैं
4. काश कि तू भी
मुझे वैसे चाहती
जैसे मैं तुझे
5.पाना तुझको
है रूह को छूकर
ज़िन्दगी भर