Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

हां यही प्यार है

काँटो वाली राह में,
किसी के गुलाब बन जाना,
किसी के ग़म में शरीक होकर
यारों उसका मन लुभाना।

किसी की संवेदना को,
दिल से सहानुभूति जताना,
किसी के रोते हुए चेहरे की,
खिलखिलाती मुस्कान बन जाना।

किसी के आहत मन को,
एक सुकून भर देना,
किसी की ग़लतियों पर ,
आहिस्ता से समझा देना।

तो कभी ग़लती पर,
उसके गुस्सा दिखा देना,
कभी खामोशी से उसके
लफ्ज़ पढ़ लेना।

तो कभी खाली किताब में,
एक शायरी लिख देना।
कभी डांट में छिपे,
अहसास की पहचान।

कभी बारिश में भीगते,
पंछियों की शान,
कभी ख़्वाब में तराशे,
ठिकाने बनके।

कभी अल्हड़ मस्ती के,
अफ़साने बनके,
कभी मासूम सूरत के
दीवाने बन के।

प्यार को बखूबी से
समझा जा सकता है जनाब,
ये प्यार की बातें हैं,
जहाँ दो नफरते भी,

जिंदादिल मुहब्बत
बन जाते है।
जो मर कर भी शान से
एक दूजे का साथ निभाते है।

Language: Hindi
66 Views

You may also like these posts

11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
पूनम झा 'प्रथमा'
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
Neelam Sharma
जल बचाओ , ना बहाओ
जल बचाओ , ना बहाओ
Buddha Prakash
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
DrLakshman Jha Parimal
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
bharat gehlot
രാവിലെ മുതൽ
രാവിലെ മുതൽ
Otteri Selvakumar
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
ये क्या नज़ारा मैंने दिनभर देखा?
Jyoti Roshni
संघर्षों के राहों में हम
संघर्षों के राहों में हम
डॉ. दीपक बवेजा
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बहुत फर्क  पड़ता  है यूँ जीने में।
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शाम उषा की लाली
शाम उषा की लाली
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
जिंदगी की किताब में ,
जिंदगी की किताब में ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
"सम्वेदनशीलता"
*प्रणय*
बिखरी बिखरी जुल्फे
बिखरी बिखरी जुल्फे
Khaimsingh Saini
Under this naked sky, I wish to hold you in my arms tight.
Under this naked sky, I wish to hold you in my arms tight.
Manisha Manjari
प्रेम की ज्योत
प्रेम की ज्योत
Mamta Rani
लोगों का क्या है
लोगों का क्या है
Shinde Poonam
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
Sonam Puneet Dubey
सितारों की साज़िश
सितारों की साज़िश
Shekhar Chandra Mitra
औरतें ऐसी ही होती हैं
औरतें ऐसी ही होती हैं
Mamta Singh Devaa
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माँ सरस्वती प्रार्थना
माँ सरस्वती प्रार्थना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
Ajay Mishra
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
कोई तंकीद कर नहीं पाते ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...