हां यही प्यार है
काँटो वाली राह में,
किसी के गुलाब बन जाना,
किसी के ग़म में शरीक होकर
यारों उसका मन लुभाना।
किसी की संवेदना को,
दिल से सहानुभूति जताना,
किसी के रोते हुए चेहरे की,
खिलखिलाती मुस्कान बन जाना।
किसी के आहत मन को,
एक सुकून भर देना,
किसी की ग़लतियों पर ,
आहिस्ता से समझा देना।
तो कभी ग़लती पर,
उसके गुस्सा दिखा देना,
कभी खामोशी से उसके
लफ्ज़ पढ़ लेना।
तो कभी खाली किताब में,
एक शायरी लिख देना।
कभी डांट में छिपे,
अहसास की पहचान।
कभी बारिश में भीगते,
पंछियों की शान,
कभी ख़्वाब में तराशे,
ठिकाने बनके।
कभी अल्हड़ मस्ती के,
अफ़साने बनके,
कभी मासूम सूरत के
दीवाने बन के।
प्यार को बखूबी से
समझा जा सकता है जनाब,
ये प्यार की बातें हैं,
जहाँ दो नफरते भी,
जिंदादिल मुहब्बत
बन जाते है।
जो मर कर भी शान से
एक दूजे का साथ निभाते है।